मर्ज है तो दवा भी ज़रूर होगी
संजय दत्त को ६ साल की सज़ा सुनाने के चंद लम्हे बाद ही इस बात की चर्चा होने लगी कि आख़िर टाडा अदालत के फैसले को पलटने के लिए क्या तरकीब अपनाई जाये? ऐसा लग रहा था जैसे टाडा ने किसी मरीज को बडे अस्पताल में रेफ़र कर दिया हो. क्या न्याय की गुहार लगा रहे लोगों par ऐसा तमाचा किसी भी तरीके से जडा जान चाहिऐ जिसमे एक अदालत के फैसले को पूरी तरह से बदल दिए जाने की बात की जा रही हो। पहले ही १४ साल बाद लोगों को न्याय मिल paayaa है। अब अगर ऊपर की adaalat में और वक़्त zaayar किया गया तो लोगों kaa nyaay
Tuesday, July 31, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment